है दिल में कुछ हलचल,
कुछ अजीब कशमकश है!
कहना तो है बहुत कुछ,
पर शायद शब्द आज कम हैं!
होंठों पर मुस्कुराहट,
पर दिल यह बेचैन!
है चेहरे पर हँसी,
पर आँखें क्यू नम हैं?
जसबात तो दिल में,
कई एसे छुपे हैं,
कहना तो है लेकिन,
ना कहते बने हैं!
शायद कभी हो जाए कुछ ऐसा,
हॉंसला कहीं से आ जाए कुछ ऐसा!
केह सकूँ मैं दिल की, हर वो एक बातें,
जो आज ना मुझसे कहते बने हैं!